Sunday, August 1, 2010

ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए

Dost.........

ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,

ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों मे हाथ चाहिए,

कहूँ ना मै कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल मे उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,

उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,

मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,

उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार मे,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,

अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,

यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए

दोस्ती सच्ची हो तो वक़्त रूक जाता है
आसमा लाख ऊंचा ही मगर झुक जाता है
दोस्ती में दुनिया लाख बने रूकावट
अगर दोस्त सच्चा तो खुदा भी झुक जाता है.

दोस्ती वो एहसास है जो मिटता नहीं
दोस्ती वो पर्वत है जो झुकता नहीं
इसकी कीमत क्या पूछो हमसे
ये वो अनमोल मोती है जो बिकता नहीं

सच्ची है दोस्ती आजमा के देखो
करके यकीन मुझपे मेरे पास आके देखो
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग कभी
चाहे जितनी बार आग में जला कर के देखो


दर्द जितना सहा जाये उतना ही सहना
दिल जो लग जाये वो बात न कहना
मिलते है हमारे जैसे दोस्त बहुत कम इसलिये
कभी न GOOD BYE मत कहन

- Loveable Poet                          Give Comment

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