Tuesday, December 15, 2009

शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?

शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?

जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?

 

पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है

भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?

 

सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम

पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?

 

अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?

108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?

 

इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,

लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.

 

मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,

लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?

 

कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?

कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?

 

तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है

जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?

- Loveable Poet                    Give Comment

2 comments:

Anonymous said...

Please can anybody translate this in english by chance?

Anonymous said...

Too Sweet lines about the modernization really loved it

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